Tuesday, January 31, 2012

Madana Mohana Ashtakam


श्रीमदनमोहनाष्टकम्

जय शंखगदाधर नीलकलेवर पीतपटाम्बर देहि पदम् ।
जय चन्दनचर्चित कुण्डलमण्डित कौस्तुभशोभित देहि पदम् ॥१॥

जय पंक्कजलोचन मारविमोहन पापविखण्डन देहि पदम् ।
जय वेणुनिनादक रासविहारक वंक्किम सुन्दर देहि पदम् ॥२॥

जय धीरधुरन्धर अद्भुतसुन्दर दैवतसेवित देहि पदम् ।
जय विश्वविमोहन मानसमोहन संस्थितिकारण देहि पदम् ॥३॥

जय भक्तजनाश्रय नित्यसुखालय अन्तिमबान्धव देहि पदम् ।
जय दुर्जनशासन केलिपरायण कालियमर्दन देहि पदम् ॥४॥

जय नित्य निरामय दीन दयामय चिन्मय माधव देहि पदम् ।
जय पामनपावन धर्मपरायण दावनसूदन देहि पदम् ॥५॥

जय वेदविदावर गोपवधूप्रिय वृन्दावनधन देहि पदम् ।
जय सत्यसनातन दुर्गतिभञ्जन सज्जनरञ्जन देहि पदम् ॥६॥

जय सेवकवत्सल करुणासागर वाच्छित पूरक देहि पदम् ।
जय पूतधरातल देवपरात्पर सत्वगुणाकर देहि पदम् ॥७॥

जय गोकुलभूषण कंसनिषूदन सात्वतजीवन देहि पदम् ।
जय योगपरावण संसृतिवारण ब्रह्मनिरञ्जन देहि पदम् ॥८॥

॥ इति श्रीमदनमोहनाष्टकं सम्पूर्णम् ॥



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